हिंदी शायरी बाबत (About Hindi Shayari)
शायरीचे विविध प्रकार (Types of Shayari)
काही हिंदी शायरी तुमच्यासाठी (Hindi Shayari for You)
•✤┈•शायरी का कि महफिल आपके लिये•┈✤•
बातो_बातो_में ही मैने उनसे पूछा…दीवानगी क्या होती है?वो बोले…दिल तुम्हारा और हुकूमत हमारी….╭─❀⊰╯@mind4talk╨───────────────────❥
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आसमान में पानी है,फिर भी जमीन प्यासी है।भरा है जल से समंदर,✍️✍️✍️मगर मटका घर का खाली है।╭─❀⊰╯@mind4talk╨───────────────────❥
•✤┈•शायरी का समुद्र•┈✤•
एक सिगरेट सी मिली तू मुझे..ए आशिकी कश एक पल का लगाया था…लत उम्र भर की लग गयी…╭─❀⊰╯@mind4talk╨───────────────────❥
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जहर से अधिक खतरनाक हैं यह प्यारजो भी चख ले मर मर के जीता हे। 💘💘╭─❀⊰╯@mind4talk╨───────────────────❥
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बेवफ़ा कह के बुलाया तो बुरा मान गए ,आईना सामने आया तो बुरा मान गए !उनकी हर रात गुज़रती है दिवाली की तरह ,हमने एक दीप जलाया तो बुरा मान गए !╭─❀⊰╯@mind4talk╨───────────────────❥
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काटा है आस्तीन के साँपो ने इस क़दर !में सामने पड़ी हुई रस्सी से डर गया!╭─❀⊰╯@mind4talk╨───────────────────❥
•✤┈•शायरी का समुद्र•┈✤•
लडकी दिल सेअच्छी होनी चाहिए…अप्सरा👰तो पेन्सिल✏️ भी होती है…💃😂╭─❀⊰╯@mind4talk╨───────────────────❥
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शुरू करते हैंफिर से मोहब्बत चलो आओ…थोड़ा हम बदल जायें,थोड़ा तुम बदल जाओ….😊╭─❀⊰╯@mind4talk╨───────────────────❥
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“चाँद के हुस्न पर हर सख्स का हक हैमैं उसे कैसे कहूं की रात को निकला न करे”╭─❀⊰╯@mind4talk╨───────────────────❥
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हँसी छुपा भी गया और नज़र मिला भी गयाये इक झलक का तमाशा दिल जला भी गया╭─❀⊰╯@mind4talk╨───────────────────❥
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हमने तो कभी नही चाहा था हमे मोहब्बत हो,लेकिन उसकी पहली नज़र ने हमे नीलाम कर दिया।╭─❀⊰╯@mind4talk╨───────────────────❥
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नीचे आ गिरती हैहर बार दुआ मेरी……पता नहीं कितनी ऊचाई परखुदा रहता हैं……..╭─❀⊰╯@mind4talk╨───────────────────❥
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मैं तो इसलिए चुप हूँकि तमाशा ना बन जाये।और तुम ये समझ बैठे किमुझे तुमसे कोई गिला-शिकवा नहीं।╭─❀⊰╯@mind4talk╨───────────────────❥
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कहा सवालों ने तुमसे जवाब मांगते हैं,हम अपनी आंखों के हिस्से का ख्वाब मांगते हैं।हम ही को दरिया पर जाने से रोकने वाले,हम ही से पानी का सारा हिसाब मांगते है।अजीब लोग हैं इन पर तो रहम आता हैं, जो काँटे बोकर जमी से गुलाब मांगते हैं।गुनहगार तो नज़रे हैं आपकी वरना,कहा ये फूल से चेहरे नकाब मांगते हैं।।___❤️╭─❀⊰╯@mind4talk╨───────────────────❥
•✤┈•शायरी का समुद्र•┈✤•
तुम्हारे हुस्न का जलवा नक़ाब में क्यों हैये काँटा सा लगा है तो गुलाब में क्यों है।वो ख्वाब में तो बहुत ही हसीन लगती हैमुझे मिले भी सही मेरे ख्वाब में क्यों है।हमारे वास्ते वो फूल जो खरीदा थामगर वो फूल अभी तक किताब में क्यों है।जो पाता है वो उसी को हो जाता है जानाकुछ इस तरह का नशा भी शराब में क्यों है।वो रूठ जाए मनाना बहुत ही मुश्किल हैखुदा ही जाने ये नखरें ज़नाब में क्यों है।अगर तू चाहे तो दिल से निकाल दो मुझकोमगर ये नफरतें तेरे जवाब में क्यों है।╭─❀⊰╯@mind4talk╨───────────────────❥
•✤┈••✤┈•शायरी का कि महफिल आपके लिये•┈✤••┈✤•
चलो माना कि हमें प्यार का इज़हार करना नहीं आता।जज़्बात न समझ सको, इतने नादान तो तुम भी नहीं।😒╭─❀⊰╯@mind4talk╨───────────────────❥
•✤┈••✤┈•शायरी का कि महफिल आपके लिये•┈✤••┈✤•
निबाह रहे हैं….सब यहाँ अपने मतलब की यारियांमोहब्बत दिल से हो भी तो कैसे हो भला।╭─❀⊰╯@mind4talk╨───────────────────❥
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रुतबा तो खामोशियों का होता हैअलफ़ाज़ तो बदल जाते हैं लोग देख कर।╭─❀⊰╯@mind4talk╨───────────────────❥
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जानता हूँ मैं,अभी भी चाहती है।मुझे ….ज़िद्दी है वो थोड़ी सी,मगर बेवफ़ा नही.. 😊╭─❀⊰╯@mind4talk╨───────────────────❥
•✤┈•शायरी का समुद्र•┈✤•
“तुझे बसा कर रूह में,खुद को खुद से जुदा कर दिया।सुन मेरे बेरहम सनम,तुझे इश्क़ में मैंने खुदा कर दिया।╭─❀⊰╯@mind4talk╨───────────────────❥
•✤┈••✤┈•शायरी का कि महफिल आपके लिये•┈✤••┈✤•
बड़ी अजीब सी है शहरों की रौशनी,उजालों के बावजूद चेहरे पहचानना मुश्किल है।╭─❀⊰╯@mind4talk
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